- Get link
- Other Apps
- Get link
- Other Apps
आम का वृक्ष
सामान्य नाम -: आम
Botanical Name -: Mangifera indica
Kingdom -: Plantae
Order -: Sapindales
Family -: Anacardiaceae
Other Common Names -: मान्न, आम्रः, आम, मांगा आदि।
सामान्य जानकारी -: आम अत्यंत उपयोगी, दीर्घजीवी, सघन,हितकारी तथा विशाल वृक्ष है, जो भारत में दक्षिण में कन्याकुमारी से उत्तर में हिमालय की तराई तक तथा पश्चिम में पंजाब से पूर्व में आसाम तक, अधिकता से होता है। अनुकूल जलवायु मिलने पर इसका वृक्ष 50-60 फुट की ऊँचाई तक पहुँच जाता है। वनस्पति वैज्ञानिक वर्गीकरण के अनुसार आम ऐनाकार्डियेसी कुल का वृक्ष है। आम के कुछ वृक्ष बहुत ही बड़े होते हैं।
आम (मैंगो) के सबसे बड़े उत्पादक देशों में भारत का प्रथम स्थान है। भारत आम (मैंगो) की अलग-अलग किस्मों के लिए जाना जाता है जैसे कि रत्नागिरी का अल्फांसो, कर्नाटक का बादामी आम (मैंगो), लखनऊ का दशेरी आम (मैंगो) और गुजरात का केसर आम (मैंगो)। आम खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इसमें फाइबर, विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि मैंगिफ़ेरिन और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन भरपूर मात्रा में होते हैं। आइए आम (मैंगो) के कुछ और लाभों के बारे में जानें।
आम का पोषण मूल्य -: आम (मैंगो) में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिनके बारे में नीचे दिया गया है। यह विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कि मैंगिफ़ेरिन और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन और कैरोटीन का अच्छा स्रोत है।
आम के औषधीय गुण -:
- इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण हो सकते हैं।
- यह एंटी कैंसर एजेंट के रूप में काम कर सकता है।
- इसमें मधुमेह-रोधी (एंटी-डायबिटिक) गुण हो सकते हैं।
- इसमें कार्डियो-प्रोटेक्टिव गुण हो सकते हैं।
- इसमें एंटी-एजिंग गुण हो सकते हैं।
- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव हो सकता है।
औषधीय उपयोग -: आम के पेड़ की छाल, लकड़ी, मंजरी सबके अपने-अपने महत्व हैं। भारतीय समाज में धार्मिक अनुष्ठानों एवं संस्कारों में इसके पत्ते व लकड़ी का काफी महत्व है। वहीं इसके कच्चे व पक्के फल का अलग औषधि गुण भी है।
इसकी छाल उत्तम संग्राहक और गर्भाशय के रक्त स्राव को रोकती है। इसकी गुठली के चूर्ण सेवन से कृमि का नाश होता है। ये रक्त संग्राहक है। मंजरी चूर्ण को मिश्री व दूध के साथ सेवन करने से रक्त की शुद्धि, छद्रि रोग, कर्णशूल व नकसीर में फायदा होता है। यह वादीकारक भी होता है। इसके छाल को पीसकर शहद के साथ सेवन से अतिसार, सुजाक, वमन में लाभकारी होता है। छाल चूर्ण का लेप अत्यंत लाभकारी है। इसके पत्ते का उपयोग दंत मंजन, जलने, पथरी में लाभकारी है। आम के छिलके को पीसकर उसमें नीम की पत्ती व हर्रे मिलाकर चेहरे पर लेप करने से कील, मुहांसे, झाइयां दूर होकर चेहरा कांतिमान बनाता है।
Creator - Arjun Gaangole ( B.Sc. 3rd Year )
Comments
Post a Comment