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अश्वगंधा का पौधा
Common Name -: अश्वगंधा
Botanical Name -: Withania somnifera
Kingdom -: Plantae
Order -: Solanales
Family -: Solanaceae
Other Common Names -: असगन्ध, अश्वगन्धा, पुनीर, नागोरी असगन्ध, वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी, Winter cherry, पॉयजनस गूज्बेर्री आदि।
सामान्य जानकारी -: अश्वगंधा एक द्विबीज पत्रीय पौधा है। जो कि सोलेनेसी कुल का पौधा है। सोलेनेसी परिवार की पूरे विश्व में लगभग 3000 जातियाँ और 90 वंश पाये जाते हैं। इसमें से केवल 2 जातियाँ ही भारत में पाई जाती हैं।
इस जाति के पौधे सीधे, अत्यन्त शाखित, सदाबहार तथा झाड़ीनुमा 1.25 मीटर लम्बे पौधे होते हैं। पत्तियाँ रोमयुक्त, अण्डाकार होती हैं। फूल हरे, पीले तथा छोटे एंव पाँच के समूह में लगे हुए होते हैं। इसका फल बेरी जो कि मटर के समान दूध युक्त होता है। जो कि पकने पर लाल रंग का होता है। जड़े 30-45 सेमी लम्बी 2.5-3.5 से.मी. मोटी मूली की तरह होती हैं। इनकी जड़ों का बाह्य रंग भूरा तथा यह अन्दर से सफेद होता है।
औषधीय गुण -: अश्वगंधा को "भूतिजीता" या "भल्लातक" नाम से भी जाना जाता है और यह एक जड़ी-बूटी है जो आमतौर से आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा में उपयोग होती है। इसमें कई औषधि गुण होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ मुख्य गुणों में शामिल हैं :
1. स्त्रेस निवारण -: अश्वगंधा में मौद्रिकोलिक और वितानोलाइड्स होते हैं जो स्त्रेस को कम करने में मदद कर सकते हैं।
2. ऊर्जा बढ़ाना -: यह ऊर्जा बढ़ाने और थकान को कम करने में सहायक हो सकती है।
3. इम्यून सिस्टम को सुधारना -: अश्वगंधा आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकती है, जिससे आपको बीमारियों से लड़ने में साहाय्य हो सकती है।
4. नींद की सुधारणा -: इसे नींद में सुधार के लिए जाना जाता है और इसमें चंद्रप्रबा और त्रिटेपेनोयिड्स जैसे तत्व होते हैं जो रात को शांति और सुखद नींद प्रदान कर सकते हैं।
औषधीय उपयोग -:
- सर्दी के दिनों में इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर दूध के साथ सेवन करने से शारीरिक ताकत बढ़ता है।
- इसके सेवन से हिमोग्लोविन एवं लाल रक्तकण की मात्रा बढ़ती है।
- इसकी जड़ों को कामोदीपक के रूप में सेवन करने की सलाह वैद्य देते है।
- यह खाँसी में भी काम आता है। इसके लिए पत्तियों को पानी में उबालकर सेवन किया जाता है।
- यह गठिया एवं जोड़ों का दर्द तथा शरीर के सूजन में बहुत उपयोगी है।
- कैंसर में भी यह औषधि कारगर सिद्ध हो रहा है।
- अश्वगंधा के पत्तियों का लेप जोड़ों के सूजन के उपचार के लिए किया जाता है।
- कमर एवं कूल्हों के दर्द में इसके जड़ों का उपयोग किया जाता है।
- यह “मूड” बनाता है तथा चिंता को दूर करता है।
- मानसिक बीमारी में भी इसका उपयोग होता है।
- यह एन्टीबायोटिक तथा एन्टीबैक्टीरियल है।
- यह पेशाब बढ़ाता है।
Creater :- Akash Bhanver (B.sc 3rd year bio.)
Comments
very nice post Planting FAQ
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